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Showing posts from April, 2020

Ayushman Bharat Diwas.

30 April.                 Ayushman Bharat Diwas. Image source- Google Image by- indiatvnews.com On this day in 2018, Ayushman Bharat Yojana was launched in the country. Ayushman Bharat Diwas is celebrated on 30 April across the country. It is a programme of the Government of India to provide the underprivileged and economically backward people access to government as well as private healthcare facilities. So, these are the National and International important Days in April 2019 month which may also help in the preparation for several exams and also enhance your knowledge. Image source- Google Image by- indiapost.com 2018 में आज ही के दिन देश में आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत हुई थी। आयुष्मान भारत दिवस 30 अप्रैल को पूरे देश में मनाया जाता है।  यह भारत सरकार का एक कार्यक्रम है जो आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को सरकार के साथ-साथ निजी स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच प्रदान करता है।  तो, ये अप्रैल 2019 महीने में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्वपूर्ण दिन हैं जो कई परीक्षा

Air masses and Fronts.

हैलो दोस्तों, आज हम लोग वायु राशियां और वाताग्र के बारे में अध्ययन करेंगे। Hello friends, today we will study about Air masses and Fronts. वायु राशियां (Air masses) :- Image source- Google Image by- nationalgeographic.org वायुराशियाँ वायुमंडल का वह भाग हैं, जिसमें  तापमान तथा आद्रता  के भौतिक लक्षण क्षैतिज दिशा में एक समान होते हैं। ये वायु राशियां जिस मार्ग पर चलती हैं, उसकी तापमान और आद्रता सम्बन्धी दशाओं को परिमार्जित (Modify) करती हैं,  तथा स्वयं भी उनसे प्रभावित होती हैं। विश्व के विभिन्न भागों के मौसम में परिवर्तन विभिन्न वायुराशियों की क्रिया प्रतिक्रिया के कारण होती हैं। एक वायुराशि का  अनुप्रस्थ विस्तार कई हजार किमी  और ऊपर की ओर  क्षोभ मंडल  तक होता हैं। Air masses :- Air masses are the part of the atmosphere in which the physical characteristics of temperature and humidity are uniform in the horizontal direction.  These air quantities modulate the temperature and humidity conditions of the path on which they travel, and are themselves affected by them.

Cloud.

हैलो दोस्तों, आज हम लोग बादलों के बारे में अध्ययन करेंगे। Hello friends, today we will study about clouds. बादल (Cloud) :- Image source- Google Image by- wallpaperplay.com जब वायुमंडल की हवा  रूद्राष्म प्रक्रिया  द्वारा ठंडी होती हैं तो उसका  तापमान ओसांक  से नीचे गिर जाता हैं। तब  बादल का निर्माण  होता हैं। बादल का घनत्व कम होता हैं इसीलिए ये  वायुमंडल में तैरते  हैं। औसत ऊंचाई के आधार पर बादलों को तीन मुख्य भागों में बांटा जा सकता है। ऊँचे मेघ (धरातल से 6000 मी. से 12000 मी. की ऊंचाई तक) मध्य मेघ (धरातल से 2000 मी. से 6000 मी. की ऊंचाई तक) निम्न मेघ (धरातल से 2000 मी. की ऊंचाई तक) Cloud :-   When the air in the atmosphere is cooled by the rudimentary process, its temperature drops below the dew point.  Then a cloud is formed.  The density of the cloud is low which is why they float in the atmosphere.  Clouds can be divided into three main parts based on average elevation. 1.High cloud (6000 m above ground to 12000 m height) 2.Middle clou

Rainfall- Types, Distribution, Factors and Measurement.

हैलो दोस्तों, आज हम लोग वर्षा, वर्षा के प्रकार, वितरण और प्रभावित करने वाले कारकों के बारे में अध्ययन करेंगे। Hello friends, today we will study about rainfall, types of rainfall, distribution and factors affecting it. वर्षा(Rainfall) :- Image source- Google Image by- Pinterest.com समुद्रों, झीलों आदि का जल सूर्यातप से गर्म होकर भाप के रूप में ऊपर उठता हैं, इसे  वाष्पीकरण  कहा जाता हैं। यह  वाष्पित जल  ऊपर वायुमंडल में जाकर ठंडा होने लगता हैं। जिससे इसमें  संघनन की क्रिया  होने लगती हैं और  मेघों का निर्माण  होता हैं। जब मेघों में  वाष्पित जल की मात्रा अधिक  हो जाती हैं तो वो इसे संभाल नहीं पाते और  वर्षा हो  जाती हैं। Rainfall :- The water of the oceans, lakes, etc., heated by the sun rises in the form of steam, it is called evaporation.  This evaporated water starts cooling in the atmosphere.  Due to which the action of condensation starts and clouds are formed.  When the amount of evaporated water in the clouds becomes high, they cannot handle it and it rains.

Condensation.

हैलो दोस्तों आज हम लोग संघनन(Condensation) के बारे में अध्ययन करेंगे। Hello friends, today we will study about condensation. संघनन(Condensation) :- Image source- Google Image by- Thinglink.com जल के  गैसीय अवस्था से तरल या ठोस अवस्था  में होने वाले परिवर्तन को  संघनन  कहते हैं। संघनन को प्रभावित करने वाले  दो प्रमुख कारक  हैं। वायु की सापेक्षिक आर्द्रता तापमान में कमी जब वायुमंडल के तापमान में कमी आती हैं तो धूल कणों का  संघनन शुरू  हो जाता हैं। इन कणों को  संघनन केंद्र  कहते हैं।  धूल, धुआँ और समुद्री नमक  के कण अच्छे संघनन के केंद्र माने जाते हैं। संघनन की क्रिया से  ओस, कुहरा, कुहासा तथा बादल  बनते हैं, जोकि संघनन के ही विविध रूप हैं। वायु के जिस तापमान पर जल अपनी गैसीय अवस्था (जलवाष्प) से तरल या ठोस अवस्था में बदलता है तो उसे  ओसांक  कहते हैं। जब  ओसांक हिमांक के नीचे  होता हैं तो  तुषार, हिम, पक्षाभ मेघ  आदि का निर्माण होता हैं। जब  ओसांक हिमांक से ऊपर  होता हैं तो  ओस, कुहारा, कुहासा एवं बादल  का निर्माण होता हैं। Condensation :-  The change

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Ocean Currents.

हैलो दोस्तों, आज हम लोग महासागरीय धाराओं के बारे में अध्ययन करेंगे। Hello friends, today we will study about ocean currents . महासागरीय धाराएं :- महासागर के जल के सतत एवं निर्देष्ट दिशा वाले प्रवाह को महासागरीय धारा कहते हैं। एक निश्चित दिशा में बहुत अधिक दूरी तक महासागरीय जल की एक राशि के प्रवाह को महासागरीय जलधारा (Ocean Current) कहते हैं. इन्हें समुद्री धाराएँ भी कहते हैं। वस्तुतः महासागरीय धाराएं, महासागरों के अन्दर बहने वाली उष्ण या शीतल नदियाँ हैं। प्रायः ये भ्रांति होती है कि महासागरों में जल स्थिर रहता है, किन्तु वास्तव मे ऐसा नही होता है। महासागर का जल निरंतर एक नियमित गति से बहता रहता है और इन धाराओं के विभिन्न रूप देखने को मिलते हैं। प्राकृतिक धारा में प्रमुख अपवहन धारा एवं स्ट्रीम करंट होती हैं। एक स्ट्रीम करंट की कुछ सीमाएं होती हैं, जबकि अपवहन धारा के बहाव की कोई विशिष्ट सीमा नहीं होती। पृथ्वी पर रेगिस्तानों का निर्माण जलवायु के परिवर्तन के कारण होता है। उच्च दाब के क्षेत्र एवं ठंडी महासागरीय जल धाराएं ही वे प्राकृतिक घटनाएं हैं, जिनकी क्रियाओं के फलस्वरूप सैकड़ों

Air masses and Fronts.

हैलो दोस्तों, आज हम लोग वायु राशियां और वाताग्र के बारे में अध्ययन करेंगे। Hello friends, today we will study about Air masses and Fronts. वायु राशियां (Air masses) :- Image source- Google Image by- nationalgeographic.org वायुराशियाँ वायुमंडल का वह भाग हैं, जिसमें  तापमान तथा आद्रता  के भौतिक लक्षण क्षैतिज दिशा में एक समान होते हैं। ये वायु राशियां जिस मार्ग पर चलती हैं, उसकी तापमान और आद्रता सम्बन्धी दशाओं को परिमार्जित (Modify) करती हैं,  तथा स्वयं भी उनसे प्रभावित होती हैं। विश्व के विभिन्न भागों के मौसम में परिवर्तन विभिन्न वायुराशियों की क्रिया प्रतिक्रिया के कारण होती हैं। एक वायुराशि का  अनुप्रस्थ विस्तार कई हजार किमी  और ऊपर की ओर  क्षोभ मंडल  तक होता हैं। Air masses :- Air masses are the part of the atmosphere in which the physical characteristics of temperature and humidity are uniform in the horizontal direction.  These air quantities modulate the temperature and humidity conditions of the path on which they travel, and are themselves affected by them.

Tide and Ebb.

ज्वार-भाटा:- सूर्य और चन्द्रमा की  आकर्षण शक्तियों  के कारण सागरीय जल के  ऊपर उठने तथा नीचे गिरने  को  ज्वार -भाटा  कहा जाता हैं। इससे उत्पन्न तरंगो को  ज्वारीय तरंगे  कहा जाता हैं। Tide-Ebb:- The rising and falling of ocean water due to the attractiveness of the sun and the moon is called tides.  The waves resulting from this are called tidal waves. सागरीय जल  के  ऊपर उठकर तट की ओर बढ़ने  को  ज्वार (Tide)  तथा इस समय जल के उच्चतम तल को  उच्च ज्वार (High Tide)  कहते हैं। सागरीय जल के  तट से टकराकर वापस लौटने  को  भाटा (Ebb)  कहते हैं, तथा उससे निर्मित निम्न जल को  निम्न ज्वार (Low Tide)  कहते हैं। ज्वार -भाटा   सूर्य व चन्द्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल  तथा  पृथ्वी का अपकेंद्रीय बल  के कारण आता हैं। गुरुत्वाकर्षण व अपकेंद्रीय बलों  के प्रभाव के कारण प्रत्येक स्थान पर  12 घंटे  में ज्वार आना चाहिए लेकिन यह  चन्द्रमा के सापेक्ष पृथ्वी के गतिशील  होने के कारण प्रतिदिन लगभग  26 मिनट  की देरी से आता हैं।  The rise of ocean water and moving towards the coast is called Tide and at