हैलो दोस्तों, आज हम लोग बादलों के बारे में अध्ययन करेंगे।
Hello friends, today we will study about clouds.
बादल (Cloud) :-
जब वायुमंडल की हवा रूद्राष्म प्रक्रिया द्वारा ठंडी होती हैं तो उसका तापमान ओसांक से नीचे गिर जाता हैं। तब बादल का निर्माण होता हैं। बादल का घनत्व कम होता हैं इसीलिए ये वायुमंडल में तैरते हैं।
औसत ऊंचाई के आधार पर बादलों को तीन मुख्य भागों में बांटा जा सकता है।
Hello friends, today we will study about clouds.
बादल (Cloud) :-
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जब वायुमंडल की हवा रूद्राष्म प्रक्रिया द्वारा ठंडी होती हैं तो उसका तापमान ओसांक से नीचे गिर जाता हैं। तब बादल का निर्माण होता हैं। बादल का घनत्व कम होता हैं इसीलिए ये वायुमंडल में तैरते हैं।
औसत ऊंचाई के आधार पर बादलों को तीन मुख्य भागों में बांटा जा सकता है।
- ऊँचे मेघ (धरातल से 6000 मी. से 12000 मी. की ऊंचाई तक)
- मध्य मेघ (धरातल से 2000 मी. से 6000 मी. की ऊंचाई तक)
- निम्न मेघ (धरातल से 2000 मी. की ऊंचाई तक)
Cloud :-
When the air in the atmosphere is cooled by the rudimentary process, its temperature drops below the dew point. Then a cloud is formed. The density of the cloud is low which is why they float in the atmosphere.
Clouds can be divided into three main parts based on average elevation.
1.High cloud (6000 m above ground to 12000 m height)
2.Middle cloud (2000 m to 6000 m height from the ground)
- ऊँचे मेघ (धरातल से 6000 मी. से 12000 मी. की ऊंचाई तक) :-
इनको तीन भागों में बांटा गया है।
1. पक्षाभ मेघ (Cirrus cloud) :-
ये सबसे अधिक ऊंचाई पर होते हैं। इनका निर्माण हिम कणों से होता हैं। ये मेघ पतले और सफ़ेद होते हैं। ये मेघ चक्रवात के आगमन के सूचक होते हैं।
2. पक्षाभ स्तरी मेघ (Cirrostratus cloud) :-
ये दूधिया चादर की भांति फैले होते हैं। इन्ही बादलों के कारण सूर्य और चन्द्रमा के चारो ओर प्रभामंडल (halo) का निर्माण होता हैं। ये मेघ पक्षाभ मेघों के बाद दिखाई देते हैं। और चक्रवात के आगमन की सूचना देते हैं।
High Cloud (6000 m to 12000 m above ground level): -
They are divided into three parts.
1. Cirrus cloud: -
They occur at the highest altitude. They are formed by snow particles. These clouds are thin and white. These clouds indicate the arrival of cyclones.
2. Cirrostratus cloud: -
These are spread like milky sheets. Due to these clouds, halo is formed around the sun and the moon. These clouds appear after the cloud clouds. And reports the arrival of the cyclone.
3. Cirro-cumulus cloud: - They appear as small white colored small balls.
2.मध्य मेघ (धरातल से 2000 मी. से 6000 मी. की ऊंचाई तक) :-
इनको दो भागों में बांटा गया है।
1.स्तरी मध्य मेघ(Alto-stratus cloud): यह पक्षाभ स्तरी मेघों का बड़ा रूप होता हैं। इनकी परतें मोटी नीले या भूरे रंग की होती हैं। इनके छाये रहने से सूर्य का प्रकाश धुंधला व अस्पष्ट दिखाई देता हैं। इनसे विस्तृत क्षेत्रों में लगातार वर्षा होती हैं।
2.कपासी मध्य मेघ(Alto-cumulus cloud): ये सफ़ेद व भूरे रंग पतले गोलाकार रूप में होते हैं। इन मेघों में वायु का प्रवाह लंबवत होता हैं। जिससे इनका विकास ऊपर की ओर होता हैं।
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2. Middle clouds (2000 m to 6000 m height from the ground)
They are divided into two parts.
1. Alto-stratus cloud:- It is a large form of stratum clouds. Their layers are thick blue or brown. Due to their shadow, the sunlight appears blurred and unclear. They receive continuous rainfall in wide areas.
2. Alto-cumulus cloud:- These are white and brown in thin circular form. The air flow in these clouds is vertical. Due to which they grow upwards.
3.निम्न मेघ (धरातल से 2000 मी. की ऊंचाई तक) :-
इनको पांच भागों में बांटा गया है।
1.स्तरी मेघ(Stratus cloud): ये मेघ समस्त आकाश में कोहरे की परत की रूप में छाए रहते हैं.इनका निर्माण कोहरे की निचली परतों के विसरण या उत्थान के फलस्वरूप होता हैं। इनके विच्छिन होने से आकाश नीला दिखाई देता हैं। जबकि शीतोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में दो विपरीत वायु राशियों से मिलने पर भी इनका निर्माण हो जाता हैं।
2.स्तरी कपासी मेघ(Strato-cumulus cloud): ये हल्के भूरे या सफ़ेद रंग के गोलाकार धब्बों के रूप में मिलते हैं। ये सर्दियों के मौसम में लगभग पूरे आसमान में पाए जाते है। ये सामान्यत: साफ़ मौसम के संकेतक हैं।
3.कपासी मेघ(Cumulus cloud): ये मेघ भी साफ मौसम के संकेतक होते हैं। इनका आधार विस्तृत तथा ऊपर का भाग गुंबदाकार गोभी की भांति होता हैं।
4.कपासी वर्षी मेघ(Cumulus-nimbus cloud): ये मेघ भारी वर्षा, ओला, तड़ित झंजा के संकेतक होते हैं। ये नीचे से ऊपर की ओर एक विशाल मीनार की भांति होते है। ये कभी कभी धरातल से बहुत अधिक ऊंचाई तक भी पाए जाते हैं।
5.वर्षा स्तरी मेघ(Nimbostratus): ये धरातल से कम ऊंचाई पर पाए जाते हैं। ये स्वरूप में काले और घने होते हैं। अधिक सघनता होने पर सूर्य का प्रकाश भी पृथ्वी तक नहीं पहुँच पाता हैं। ये मेघ वायुमंडल में आद्रता बढ़ा देते हैं जिसके परिणाम स्वरूप वर्षा होने लगती हैं।
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3. Low cloud (up to 2000 m height from the ground): -
They are divided into five parts.
1. Stratus cloud: These clouds dominate the entire sky as a layer of fog. These are formed as a result of diffusion or uplift of the lower layers of the fog. Due to their separation, the sky appears blue. Whereas in temperate regions they are formed even after meeting two opposite air masses.
2.Strato-cumulus cloud: These are found in the form of light brown or white colored circular spots. They are found in almost the entire sky during the winter season. These are generally indicators of clear weather.
3. Cumulus cloud: These clouds are also indicators of clear weather. Their base is wide and the upper part is like domed cabbage.
4. Cumulus-nimbus cloud: These clouds are indicative of heavy rain, hailstorm, thunderstorm. They are like a huge tower from bottom to top. They are sometimes found to be much higher than the ground.
5. Yearly stratum cloud (Nimbostratus): They are found at a lower altitude than the ground level. They are black and dense in appearance. Sunlight also does not reach the earth when it is very dense. These clouds increase the humidity in the atmosphere resulting in rain.
Thank You.
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