हैलो दोस्तों, आज हम लोग चट्टानों के बारे में अध्ययन करेंगे।
Hello friends, today we will study about rocks.
चट्टान (Rock) :-
पृथ्वी की उपरी परत भूपटल का निर्माण चट्टान से होता हैं। चट्टान का अध्ययन हम विज्ञान की शैलिकी (Petrology) की शाखा के अन्दर करते हैं। चट्टान भू -पटल पर पाए जाने वाले वे ठोस पदार्थो हैं जिनमे खनिज होते हैं। खनिज प्राकृतिक अवस्था में पाए जाने वाले तत्वों के योग से बने यौगिक होते हैं। खनिजों की एक निश्चित रासायनिक बनावट होती होती हैं जिसे रासायनिक सूत्रों द्वारा व्यक्त किया जा सकता हैं। प्रत्येक खनिज का एक निश्चित भौतिक गुण होता हैं तथा उसमें एक निश्चित आणविक सरंचना पाई जाती हैं। अब तक ज्ञात कुल तत्वों में से केवल 8 तत्व मुख्य है जो भू-पटल के 98% भाग का निर्माण करते हैं। भू -पटल पर सबसे महत्वपूर्ण तत्व ऑक्सीजन हैं।
भूपटल के तत्व - प्रतीक - प्रतिशत
ऑक्सीजन O 46.71%
सिलिकॉन Si 27.69%
एल्युमिनियम Al 8.07%
आयरन Fe 5.05%
कैल्शियम Ca 3.65%
सोडियम Na 2.75%
पोटेशियम K 2.58%
मैग्नीशियम Mg 2.08%
Rock :-
Earth's crust is formed by rock. We study rock within the branch of petrology of science. Rocks are solids found on the terrain that contain minerals. Minerals are compounds made from the sum of elements found in the natural state. Minerals have a certain chemical texture that can be expressed by chemical formulas. Each mineral has a certain physical property and has a certain molecular structure. Out of the total elements known so far, only 8 elements are the main which make up 98% of the surface. The most important elements on the terrain are oxygen.
Crust elements - symbols - percent
Oxygen O 46.71%
Silicon Si 27.69%
Aluminum Al 8.07%
Iron Fe 5.05%
Calcium Ca 3.65%
Sodium Na 2.75%
Potassium K 2.58%
Magnesium Mg 2.08%
चट्टानों का वर्गीकरण(Classification of rocks) :-
चट्टानों को उनके वर्गीकरण के आधार पर तीन भागों में विभाजित किया गया है।
1. आग्नेय चट्टानें।
2. अवसादी चट्टानें।
3. रूपांतरित चट्टानें।
Hello friends, today we will study about rocks.
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पृथ्वी की उपरी परत भूपटल का निर्माण चट्टान से होता हैं। चट्टान का अध्ययन हम विज्ञान की शैलिकी (Petrology) की शाखा के अन्दर करते हैं। चट्टान भू -पटल पर पाए जाने वाले वे ठोस पदार्थो हैं जिनमे खनिज होते हैं। खनिज प्राकृतिक अवस्था में पाए जाने वाले तत्वों के योग से बने यौगिक होते हैं। खनिजों की एक निश्चित रासायनिक बनावट होती होती हैं जिसे रासायनिक सूत्रों द्वारा व्यक्त किया जा सकता हैं। प्रत्येक खनिज का एक निश्चित भौतिक गुण होता हैं तथा उसमें एक निश्चित आणविक सरंचना पाई जाती हैं। अब तक ज्ञात कुल तत्वों में से केवल 8 तत्व मुख्य है जो भू-पटल के 98% भाग का निर्माण करते हैं। भू -पटल पर सबसे महत्वपूर्ण तत्व ऑक्सीजन हैं।
भूपटल के तत्व - प्रतीक - प्रतिशत
ऑक्सीजन O 46.71%
सिलिकॉन Si 27.69%
एल्युमिनियम Al 8.07%
आयरन Fe 5.05%
कैल्शियम Ca 3.65%
सोडियम Na 2.75%
पोटेशियम K 2.58%
मैग्नीशियम Mg 2.08%
Rock :-
Earth's crust is formed by rock. We study rock within the branch of petrology of science. Rocks are solids found on the terrain that contain minerals. Minerals are compounds made from the sum of elements found in the natural state. Minerals have a certain chemical texture that can be expressed by chemical formulas. Each mineral has a certain physical property and has a certain molecular structure. Out of the total elements known so far, only 8 elements are the main which make up 98% of the surface. The most important elements on the terrain are oxygen.
Crust elements - symbols - percent
Oxygen O 46.71%
Silicon Si 27.69%
Aluminum Al 8.07%
Iron Fe 5.05%
Calcium Ca 3.65%
Sodium Na 2.75%
Potassium K 2.58%
Magnesium Mg 2.08%
चट्टानों का वर्गीकरण(Classification of rocks) :-
चट्टानों को उनके वर्गीकरण के आधार पर तीन भागों में विभाजित किया गया है।
1. आग्नेय चट्टानें।
2. अवसादी चट्टानें।
3. रूपांतरित चट्टानें।
Classification of rocks :-
The rocks are divided into three parts based on their classification.
1. Igneous Rocks.
2. Sedimentary rocks.
3. Metamorphic Rocks.
आग्नेय चट्टानें :-
आग्नेय चट्टानों का निर्माण ज्वालामुखी उदगार के समय भूगर्भ से निकलने वाले लावा के जमकर ठंडा हो जाने के पश्चात होता हैं। आग्नेय चट्टानें पृथ्वी की प्राथमिक चट्टानें हैं क्योकि पृथ्वी पर सबसे पहले इन्ही का निर्माण हुआ हैं। धरातल के अंदर पिघली चट्टानें मैग्मा तथा धरातल की ऊपर द्रवित चट्टानें लावा कहलाती हैं। आग्नेय चट्टानों में धात्विक खनिजों की अधिकता तथा जीवाश्म का अभाव पाया जाता है। आग्नेय चट्टानें जोड़, संधियाँ परत विहीन होती हैं। ग्रेनाइट, बेसाल्ट, ग्रेबो, पेग्माटाइट, डायोराइट आदि आग्नेय चट्टानों के उदहारण हैं। ग्रेनाइट धरातल के अन्दर मैग्मा के जमाव से विकसित रवेदार(Crystlline) आग्नेय चट्टान एवं बेसाल्ट धरातल के ऊपर लावा के जमाव से विकसित अरवेदार आग्नेय चट्टान हैं। ग्रेनाइट तथा इसके कायांतरित रूप नीस का उपयोग इमारती पत्थर के रूप में किया जाता हैं। बेसाल्ट पत्थर का उपयोग सड़क बनाने में किया जाता हैं। बेसाल्ट चट्टानों के क्षरण से काली मिटटी तथा ग्रेनाइट और नीस चट्टानों के क्षरण से लाल मिटटी विकसित होती हैं। सिलिका की मात्रा के आधार पर आग्नेय चट्टानें 3 प्रकार की होती हैं –
अम्लीय चट्टानें - सिलिका 60% से अधिक- जैसे- ग्रेनाइट
क्षारीय चट्टानें -सिलिका 45 से 60% जैसे- बेसाल्ट
आंतरिक आग्नेय चट्टानों के निर्माण क्रम में बैथोलिथ, लैकोलिथ, फैकोलिथ, लोपोलिथ, सिल, शीट, तथा डाइक जैसे विविध स्थलरुप विकसित होते हैं।
बैथोलिथ :-
धरातल के अंदर अत्यधिक गहराई पर जमाव से विकसित गुम्बदाकार सरंचना को बैथोलिथ कहा जाता हैं| यूएसए में इदाहो तथा कनाडा का कोस्ट रेंज बैथोलिथ का अच्छा उदाहरण हैं।
लैकोलिथ :-
धरातल के अन्दर परतदार चट्टानों के मध्य मैग्मा के गुम्बदकार जमाव से विकसित संरचना फैकोलिथ कहलाती हैं।
फैकोलिथ :-
धरातल के अन्दर लहरदार (अपनति एवं अभिनति) जमाव से विकसित सरंचना को फैकोलिथ कहते हैं।
लोपोलिथ :-
धरातल के अन्दर किसी बेसिन में मैग्मा के जमाव से विकसित सरंचना को लोपोलिथ कहा जाता हैं।
सिल एवं शीट :-
धरातल के अन्दर परतदार चट्टानों की परतों में मैग्मा के क्षैतिज जमाव से विकसित सरंचना सिल एवं शीट हैं| शीट की मोटाई सिल से कम होती हैं।
डाइक :-
धरातल के अंदर मैग्मा के लम्बवत जमाव से विकसित स्थलरुप डाइक कहलाता हैं।
स्टॉक :-
लघु आकार के बैथोलिथ को जो गुम्बदाकार पाए जाते हैं उन्हें स्टॉक कहा जाता है।
Igneous rocks :-
Igneous rocks are formed at the time of volcanic eruption after the lava emanating from the ground floor has cooled down. Igneous rocks are the primary rocks of the earth because they were first formed on the earth. Melted rocks inside the surface are called magma and lava rocks above the surface are called lava. There is an abundance of metallic minerals and lack of fossils in igneous rocks. The igneous rocks join, the joints are layerless. Examples of igneous rocks are granite, basalt, grebo, pegmatite, diorite, etc. Crystlline are igneous rocks formed from the deposition of magma within the granite plane and arched igneous rocks developed from the deposition of lava above the basalt plane. Granite and its metamorphic form Nees are used as timber. Basalt stone is used in road construction. Black soil develops from the erosion of basalt rocks and red soil develops from erosion of granite and fine rocks. There are 3 types of igneous rocks depending on the amount of silica -
Acidic rocks - silica more than 60% - eg - granite
Alkaline rocks - Silica 45 to 60% eg - Basalt
Overlying rocks - silica less than 45% such as peridotite
In the formation sequence of internal igneous rocks, various topologies such as batholith, laccolith, phacolith, lopolith, sil, sheet, and dike develop.
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Batholith :-
The dome-shaped structure developed from deposition at very deep depths within the surface is called batholith. Idaho in the USA and the Coast Range of Canada are good examples of batholiths.
Lacolith :-
The structure developed by the domed deposition of magma between the flattened rocks inside the surface is called faecolith.
Faecolith :-
The structure developed from the undulating (apnea and inductance) deposits inside the surface is called Faecolith.
Lopolith :-
The structure developed from the deposition of magma in a basin within the ground is called a lopolith.
Cob and Sheet :-
Within the surface, the layers of flattened rocks are formed by the horizontal deposition of magma. Sheet thickness is less than cob.
Dyke :-
The topography developed by vertical deposition of magma inside the surface is called dike.
stock :-
The domes that are found in small-sized batholiths are called stocks.
अवसादी चट्टानें :-
अवसादी चट्टानों को तलछटी या परतदार चट्टान भी कहा जाता हैं|इनका निर्माण नदी, वायु, हिमनदी सागरीय तरंगों के चट्टानी अपरदन क्रिया से प्राप्त पदार्थो के जमाव के कारण होता हैं।
अवसादी चट्टानें में जीवाश्म(Fossil) की प्राप्ति होती हैं|अवसादी चट्टानों में में जोड़, संधियाँ और परत पाई जाती है।चूना पत्थर, कोयला, बलुआ पत्थर, चीका आदि अवसादी चट्टानों के उदाहरण हैं। अवसादी चट्टानों में खनिज तेल की प्राप्ति होती हैं। अवसादी चट्टानों में रंध्र(Porous) पाए जाते हैं। दिल्ली एवं आगरा का लाल किला लाल बलुआ पत्थर द्वारा बना हुआ हैं। भू-पटल में 75% अवसादी आवृत पायी जाती हैं जबकि 25% आग्नेय और कायांतरित चट्टानें हैं। भू-पटल के निर्माण में अवसादी चट्टानें का योगदान मात्र 5% हैं जबकि 95% आग्नेय तथा कायांतरित चट्टानें पाए जाते हैं।
sedimentary rocks :-
Sedimentary rocks are also called sedimentary or crusted rocks. They are formed due to deposition of substances derived from rocky erosion action of river, wind, glacial ocean waves.
Fossil is found in sedimentary rocks. In sedimentary rocks, joints, sandwiches and layers are found. Limestone, coal, sandstone, chika etc. are examples of sedimentary rocks. Sedimentary rocks yield mineral oil. Porous rocks are found in sedimentary rocks. The Red Forts of Delhi and Agra are made of red sandstone. 75% sedimentary covering is found in the terrain while 25% are igneous and metamorphic rocks. Sedimentary rocks contribute only 5% to the formation of terrain while 95% of igneous and metamorphic rocks are found.
रूपांतरित चट्टानें (कायांतरित चट्टानें) :-
ताप, दाब एवं रासायनिक क्रियाओं के प्रभाव से चट्टानों के मूलरूप में परिवर्तन से रूपांतरित चट्टानों का निर्माण होता हैं। रूपांतरित चट्टानें आग्नेय चट्टानों के सामान रवेदार(Crystalline) होती हैं। रूपांतरित चट्टानों में भिन्न-भिन्न खनिज पदार्थो की अलग-अलग तह पायी जाती हैं जिनके कारण चट्टानों में तड़क(Cleavage) के गुण पाए जाते हैं। चूना पत्थर के रूपांतरण से संगमरमर की चट्टानें विकसित होती हैं। भारत में सबसे अच्छे किस्म का संगमरमर राजस्थान के मकराना में पाया जाता हैं। शेल का रूपांतरित रूप स्लेट होता है जिससे बिलयर्ड की मेज बनती हैं। बलुआ पत्थर के रूपांतरण से क्वार्टजाइट का निर्माण होता हैं जिसका उपयोग कांच बनाने में होता हैं। चट्टानें की कठोरता को ‘मोह स्केल‘ से मापा जाता हैं। ग्रेफाइट का उपयोग पैसिल की लीड बनाने में किया जाता हैं। इटली का करारा संगमरमर विश्व प्रसिद्द संगमरमर हैं। बेसाल्ट तथा ग्रेबो के रूपांतरण से एम्फीबोलाइट(Amphibolite) चट्टान विकसित होती हैं।
चट्टानों का रूपांतरण :-
मूल चट्टान - रूपांतरित चट्टान
ग्रेनाइट - नीस
बेसाल्ट - ग्रेबो
ग्रेबो - सरपेंटाइन
बलुआ पत्थर - क्वार्टजाइट
शेल - स्लेट
स्लेट - फाइलाइट
फाइलाइट - शिष्ट
चूना पत्थर - संगमरमर
कोयला - ग्रेफाइट
अवसादी चट्टानें :-
अवसादी चट्टानों को तलछटी या परतदार चट्टान भी कहा जाता हैं|इनका निर्माण नदी, वायु, हिमनदी सागरीय तरंगों के चट्टानी अपरदन क्रिया से प्राप्त पदार्थो के जमाव के कारण होता हैं।
अवसादी चट्टानें में जीवाश्म(Fossil) की प्राप्ति होती हैं|अवसादी चट्टानों में में जोड़, संधियाँ और परत पाई जाती है।चूना पत्थर, कोयला, बलुआ पत्थर, चीका आदि अवसादी चट्टानों के उदाहरण हैं। अवसादी चट्टानों में खनिज तेल की प्राप्ति होती हैं। अवसादी चट्टानों में रंध्र(Porous) पाए जाते हैं। दिल्ली एवं आगरा का लाल किला लाल बलुआ पत्थर द्वारा बना हुआ हैं। भू-पटल में 75% अवसादी आवृत पायी जाती हैं जबकि 25% आग्नेय और कायांतरित चट्टानें हैं। भू-पटल के निर्माण में अवसादी चट्टानें का योगदान मात्र 5% हैं जबकि 95% आग्नेय तथा कायांतरित चट्टानें पाए जाते हैं।
sedimentary rocks :-
Sedimentary rocks are also called sedimentary or crusted rocks. They are formed due to deposition of substances derived from rocky erosion action of river, wind, glacial ocean waves.
Fossil is found in sedimentary rocks. In sedimentary rocks, joints, sandwiches and layers are found. Limestone, coal, sandstone, chika etc. are examples of sedimentary rocks. Sedimentary rocks yield mineral oil. Porous rocks are found in sedimentary rocks. The Red Forts of Delhi and Agra are made of red sandstone. 75% sedimentary covering is found in the terrain while 25% are igneous and metamorphic rocks. Sedimentary rocks contribute only 5% to the formation of terrain while 95% of igneous and metamorphic rocks are found.
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रूपांतरित चट्टानें (कायांतरित चट्टानें) :-
ताप, दाब एवं रासायनिक क्रियाओं के प्रभाव से चट्टानों के मूलरूप में परिवर्तन से रूपांतरित चट्टानों का निर्माण होता हैं। रूपांतरित चट्टानें आग्नेय चट्टानों के सामान रवेदार(Crystalline) होती हैं। रूपांतरित चट्टानों में भिन्न-भिन्न खनिज पदार्थो की अलग-अलग तह पायी जाती हैं जिनके कारण चट्टानों में तड़क(Cleavage) के गुण पाए जाते हैं। चूना पत्थर के रूपांतरण से संगमरमर की चट्टानें विकसित होती हैं। भारत में सबसे अच्छे किस्म का संगमरमर राजस्थान के मकराना में पाया जाता हैं। शेल का रूपांतरित रूप स्लेट होता है जिससे बिलयर्ड की मेज बनती हैं। बलुआ पत्थर के रूपांतरण से क्वार्टजाइट का निर्माण होता हैं जिसका उपयोग कांच बनाने में होता हैं। चट्टानें की कठोरता को ‘मोह स्केल‘ से मापा जाता हैं। ग्रेफाइट का उपयोग पैसिल की लीड बनाने में किया जाता हैं। इटली का करारा संगमरमर विश्व प्रसिद्द संगमरमर हैं। बेसाल्ट तथा ग्रेबो के रूपांतरण से एम्फीबोलाइट(Amphibolite) चट्टान विकसित होती हैं।
चट्टानों का रूपांतरण :-
मूल चट्टान - रूपांतरित चट्टान
ग्रेनाइट - नीस
बेसाल्ट - ग्रेबो
ग्रेबो - सरपेंटाइन
बलुआ पत्थर - क्वार्टजाइट
शेल - स्लेट
स्लेट - फाइलाइट
फाइलाइट - शिष्ट
चूना पत्थर - संगमरमर
कोयला - ग्रेफाइट
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Metamorphic rocks :-
Metamorphic rocks are formed by changes in the form of rocks due to the influence of heat, pressure and chemical reactions. Metamorphic rocks are crystalline similar to igneous rocks. The metamorphic rocks have different folds of different mineral materials, due to which the properties of cleavage are found in the rocks. Marble rocks develop from the conversion of limestone. The best type of marble in India is found in Makrana, Rajasthan. The metamorphic form of the shell is the slate that forms the billiard table. The conversion of sandstone leads to the formation of quartzite which is used to make glass. The hardness of rocks is measured by the 'Moh Scale'. Graphite is used in making lead of pacil. Carrara marble from Italy is a world famous marble. Amphibolite rocks are formed by the conversion of basalt and grabo.
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Conversion of rocks: -
Original rock - metamorphic rock
Granite - Nice
Basalt - Grabow
Grabow - Sarpentine
Sandstone - Quartzite
Shell - Slate
Slate - Fileite
Filet - elegant
Limestone - Marble
Coal - Graphite
Thank You.
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