हैलो दोस्तों, आज हम लोग पठारों के बारे में अध्ययन करेंगे।
Hello friends, today we will study about Plateaus.
पठार (Plateau) :-
भूमि पर मिलने वाले द्वितीय श्रेणी के स्थल रुपों में पठार अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं और सम्पूर्ण धरातल के 26% भाग पर इनका विस्तार पाया जाता हैं। धरातल का विशिष्ट स्थल रूप जो अपने आस पास की जमींन से प्रयाप्त ऊँचा होता है,और जिसका ऊपरी भाग चौड़ा और सपाट हो पठार कहलाता है। सागर तल से इनकी ऊचाई 600 मीटर तक होती हैं।
Plateau :-
Plateaus are very important in the second class land forms found on land and they are found on 26% of the total land surface. The typical land form of the ground, which is sufficiently high from the ground around it, and whose upper part is wide and flat, is called a plateau. Their elevation is up to 600 meters above sea level.
पठारों की उत्पत्ति के कारक :-
भू-गर्भिक हलचलें, जिनके कारण कोई समतल भू-भाग अपने समीप वाले धरातल से ऊपर उठ जाता हैं।
एसी हलचलें जिनके कारण समीपवर्ती भू-भाग नीचे बैठ जाते हैं तथा कई समतल भाग ऊपर रह जाता हैं।
ज्वालामुखी-क्रिया के समय निकले लावा के जमाव से समतल तथा अपेक्षाकृत उठे हुए भाग का निर्माण होता हैं।
पर्वतों के निर्माण के समय किसी समीपवर्ती भाग के अधिक ऊपर न उठ पाने के कारण भी पठार का निर्माण होता हैं।
Factors of origin of plateaus :-
Geostatic movements, due to which a flat terrain rises above the ground adjacent to it.
AC movements that cause the adjacent terrain sit down and many flat terrains remain.
The formation of a flat and relatively raised part is formed by the deposition of lava released during volcanic action.
At the time of the construction of the mountains, a plateau is also formed due to not being able to rise above any adjacent part.
पठारों का वर्गीकरण :-
Hello friends, today we will study about Plateaus.
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भूमि पर मिलने वाले द्वितीय श्रेणी के स्थल रुपों में पठार अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं और सम्पूर्ण धरातल के 26% भाग पर इनका विस्तार पाया जाता हैं। धरातल का विशिष्ट स्थल रूप जो अपने आस पास की जमींन से प्रयाप्त ऊँचा होता है,और जिसका ऊपरी भाग चौड़ा और सपाट हो पठार कहलाता है। सागर तल से इनकी ऊचाई 600 मीटर तक होती हैं।
Plateau :-
Plateaus are very important in the second class land forms found on land and they are found on 26% of the total land surface. The typical land form of the ground, which is sufficiently high from the ground around it, and whose upper part is wide and flat, is called a plateau. Their elevation is up to 600 meters above sea level.
पठारों की उत्पत्ति के कारक :-
भू-गर्भिक हलचलें, जिनके कारण कोई समतल भू-भाग अपने समीप वाले धरातल से ऊपर उठ जाता हैं।
एसी हलचलें जिनके कारण समीपवर्ती भू-भाग नीचे बैठ जाते हैं तथा कई समतल भाग ऊपर रह जाता हैं।
ज्वालामुखी-क्रिया के समय निकले लावा के जमाव से समतल तथा अपेक्षाकृत उठे हुए भाग का निर्माण होता हैं।
पर्वतों के निर्माण के समय किसी समीपवर्ती भाग के अधिक ऊपर न उठ पाने के कारण भी पठार का निर्माण होता हैं।
Factors of origin of plateaus :-
Geostatic movements, due to which a flat terrain rises above the ground adjacent to it.
AC movements that cause the adjacent terrain sit down and many flat terrains remain.
The formation of a flat and relatively raised part is formed by the deposition of lava released during volcanic action.
At the time of the construction of the mountains, a plateau is also formed due to not being able to rise above any adjacent part.
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पठारों का वर्गीकरण :-
अन्तर्जात बलों, ज्वालामुखी, बहिर्जात बलों और जलवायु से उत्पत्ति के आधार पर पठारों को वर्गीकृत किया जा सकता है।
अंतरा पर्वतीय पठार :-
एसे पठारों का निर्माण भूगर्भ की आन्तरिक शक्तियों के परिणामस्वरुप उच्च पर्वत श्रेणियों के निर्माण के साथ ही पूरा होता हैं तथा ये चारों ओर से पर्वतों से घिरे होते हैं।
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पर्वत पादीय पठार :-
उच्च पर्वतों की तलहटी से स्थित पठारों को पीडमाण्ट, पर्वतपादीय या गिरीपद पठार कहते हैं।
तटीय पठार :-
ये सागर तटीय क्षेत्रों पर स्थित पठार होते हैं। भारत के पश्चिमी और पूर्वी तटों पर भी एसे पठार देखे जा सकते हैं। इसका प्रमुख उदाहरण तमिलनाडु राज्य में स्थित 'कोरोमंडल'पठार है।
गुम्बदाकार पठार :-
पृथ्वी की आन्तरिक हलचलों के कारण जब किसी भाग में गुम्बद के आकार का उभार हो जाता हैं। इन्हे गुम्बदाकार पठार कहतें हैं।
महाद्वीपीय पठार :-
जब पृथ्वी के भीतर जमा लैकोलिथ भू-पृष्ठ के अपरदन के कारण सतह पर उभर आते हैं। तब महाद्वीपीय पठार बनते हैं।
जलीय पठार :-
नदियों द्वारा सागरों में पहुचने से पूर्व उनके द्वारा बहाकर लाए गए निक्षेपों के जमाव से एसे पठार बनते हैं।
वायव्य पठार :-
इन पठारो का निर्माण वायु के परिवहन तथा निक्षेपण के परिणाम स्वरूप होता है।
हिमानी पठार :-
पर्वतीय क्षेत्रों में कई भु-भाग हिमानी क्रिया से अपरदन तथा निक्षेपण के कारण पठारों में बदल गए हैं।
उस्यन्त पठार :-
ऐसे पठारों की उत्पत्ति ज्वालामुखी उद्दगार के समय लावा के धरातल पर फैलकर जमा हो जाने के कारण होती हैं।
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Classification of plateaus: -
Plateaus can be classified based on origin from endogenous forces, volcanoes, exogenous forces, and climate.
Inter Mountain Plateau: -
The formation of such plateaus is completed with the formation of high mountain ranges as a result of the internal forces of the geology and they are surrounded by mountains from all around.
Mountain Plateau: -
The plateaus situated at the foothills of the higher mountains are known as the Peedmont, Mountains or Giripad plateau.
Coastal plateau: -
These seas are plateaus on the coastal areas. Similar plateaus can also be seen on the western and eastern coasts of India. A prime example of this is the 'Coromandel' Pathar located in the state of Tamil Nadu.
Dome plateau: -
Due to the internal movements of the earth, when a part of a dome shape emerges. These are called domed plateaus.
Continental plateau :-
When the laccoliths deposited within the earth emerge on the surface due to the erosion of the surface. Then continental plateaus are formed.
Aquatic plateau: -
The plateaus are formed by the deposition of deposits brought by them before the rivers reach the seas.
Aerial plateau: -
These plateaus are formed as a result of air transport and deposition.
Himani Plateau: -
In the mountainous areas, many parts have turned into plateaus due to erosion and deposition by glacial action.
Usyant Plateau: -
The origin of such plateaus is due to the spread of lava on the ground during volcanic eruption.
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विश्व के प्रमुख पठार :-
तिब्बत का पठार, मंगोलिया का पठार, एशिया माइनर का पठार, अरब का पठार, अनातोलिया का पठार, यूनान का पठार, आस्ट्रेलिया का पठार, मेडागास्कर का पठार, अबीसीनिया का पठार, ब्राज़ील का पठार, मेसेटा का पठार, बोलीविया का पठार, चियापास का पठार, अलास्का का पठार, द० भारत का पठार।
विश्व का सबसे ऊंचा पठार पामीर का पठार है। इसको दुनिया की छत भी कहते हैं।
Major plateaus of the world: -
Tibetan Plateau, Mongolia Plateau, Asia Minor Plateau, Arabian Plateau, Anatolia Plateau, Greece Plateau, Australia Plateau, Madagascar Plateau, Abyssinia Plateau, Brazil Plateau, Meseta Plateau, Bolivia Plateau, Chiapas Plateau, Alaska Plateau, India Plateau
The highest plateau in the world is the Pamir Plateau. It is also called the roof of the world.
Thank You.
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