हैलो दोस्तों, आज हम लोग समानांतर ब्रह्माण्ड के बारे में अध्ययन करेंगे।
Hello friends, today we will study about the Parallel Universe.
समानांतर ब्रह्माण्ड :-
कई बार यह माना गया है कि हम जिस ब्रह्माण्ड में रहते हैं, ठीक वैसा ही एक और ब्रह्माण्ड मौजूद है जहाँ आपकी और हमारी मौजूदगी विद्यमान हो सकती है जैसे कि यहाँ है।
ज्यादातर वैज्ञानिक समानांतर ब्रह्माण्ड के बात को नकारते हैं। लेकिन कई हैं जो इस सिद्धांत को मानते हैं एवं इसपर शोध कर रहे हैं।
अंतरिक्ष इतना बड़ा है कि यहाँ कई पृथ्वी जैसे ग्रह मिले हैं। कई खगोल वैज्ञानिक इस बात पर शोध कर रहे हैं कि इन ग्रहों पर जीवन है या नहीं या फिर जीवन होने की कितनी सम्भावना है।
ऐसा अनुमान लगाया गया है कि अंतरिक्ष में अनगिनत ब्रह्माण्ड हैं जहाँ अनगिनत तारे, सौर मंडल, ग्रह आदि मौजूद हैं।
उसी के हिसाब से यह अनुमान लगाया गया कि जैसे पृथ्वी पर हालात हैं और घटनाएं घटित होती हैं, उसी प्रकार समानांतर ब्रह्माण्ड में किसी अन्य ग्रह पर इसी प्रकार की घटना हो रही होगी।
Parallel Universe: -
Many times it has been assumed that the universe in which we live, there exists another universe where you and our presence can exist as it is here.
Most scientists reject the talk of a parallel universe. But there are many who follow this theory and are researching it.
Space is so big that many Earth-like planets have been found here. Many astronomers are researching whether there is life on these planets or whether there is a possibility of life.
It has been estimated that there are countless universe in space where there are countless stars, solar system, planets etc.
Accordingly, it has been speculated that just as there are conditions on Earth and events happen, a similar event would be happening on another planet in the parallel universe.
समानांतर ब्रह्माण्ड का सिद्धांत (Concept of Parallel Universe) :-
हम सब यह बात जानते हैं कि 13.7 बिलियन साल पहले ब्रह्माण्ड एक छोटे से बिंदु से शुरू हुआ था। बिग बैंग थ्योरी के अनुसार गुरुत्वाकर्षण दबाव के कारण यह बिंदु बढ़ता गया एवं तीन आयामी भाग में फैलता गया – जिस रूप में आज ब्रह्माण्ड विद्यमान है। फिर तारों, आकाशगंगाओं, ग्रहों आदि का निर्माण हुआ।
इसी के आधार पर यह प्रश्न उठता है कि क्या हम लोग अंतरिक्ष में अकेले हैं? हमारे पास आज कि जो तकनिकी है, उसके आधार पर यह सब खोज कर पाना बहुत मुश्किल है। कई खगोल वैज्ञानिक आज भी इस शोध में लगे हुए हैं कि किस प्रकार परजीवी ग्रह के प्राणियों से संपर्क साधा जाये।
वैज्ञानिक ऐसा मानते हैं कि प्रकाश की तीव्र गति होने के कारण हम एक सीमा के अनुसार ही चीजें देख पाते हैं, अतः ज्यादातर चीजें हमारे दृश्य से परे है।
Concept of Parallel Universe: -
We all know that the universe started from a small point 13.7 billion years ago. According to the Big Bang Theory, this point increased due to gravitational pressure and spread in three-dimensional part - the form in which the universe exists today. Then stars, galaxies, planets etc. were formed.
Based on this, the question arises whether we are alone in space? Based on the technology that we have today, it is very difficult to find it all. Many astrophysicists are still engaged in research on how to interact with the creatures of the parasitic planet.
Scientists believe that due to the rapid speed of light, we are able to see things according to a limit, so most things are beyond our view.
समानांतर ब्रह्माण्ड का इतिहास (History of parallel universe) :-
जब 13.7 अरब साल पहले बिग बैंग घटना हुई थी, ठीक उसी समय से प्रकाश का प्रवाहन शुरू हुआ, अतः 13.7 अरब प्रकाश वर्ष के बाद क्या है – इसके बारे में कोई नहीं जानता। अंतरिक्ष के जिस भाग के बारे में कोई जानकारी नहीं है उसको Hubble Volume कहा गया है और इस भाग पर शोध चालू है।
ऐसा माना जाता है कि सारे ब्रह्माण्ड एक दूसरे से जुड़े हुए हैं तो कुछ टूट कर नए ब्रह्माण्ड बन गए या फिर कभी दो ब्रह्माण्ड के टकराव से एक नया ब्रह्माण्ड बन गया। इसी आधार पर हो सकता है कि कहीं दूसरे ब्रह्माण्ड में किसी दूसरे ग्रह पर पृथ्वी के समान घटना घट रही हो।
दिवंगत भौतिक वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने सामानांतर ब्रह्माण्ड के बात को स्वीकारा था। मृत्यु से पहले जो उनका रिसर्च पेपर प्रकाशित हुआ था, वह इसी विषय पर था।
इसके बारे में उन्होंने कहा था कि हम इस अंतरिक्ष में इस अनोखे ब्रह्माण्ड के अंतर्गत अकेले नहीं हैं। आगे चलकर इस बात की पुष्टि हो जायगी कि हमारे सामान कई ब्रह्माण्ड विराजमान है।
History of parallel universe: -
When the Big Bang incident occurred 13.7 billion years ago, light began to flow from the same time, so no one knows about what it is after 13.7 billion light years. The part of the space that has no information about it is called Hubble Volume and research on this part is ongoing.
It is believed that all the cosmos are connected to each other, then some broke down to become new cosmos, or else a collision of two universe created a new universe. It may be on this basis that an event similar to the Earth is happening on another planet in another universe.
The late physicist Stephen Hawking accepted the idea of a parallel universe. His research paper which was published before his death, was on this subject.
He said about it that we are not alone in this space under this unique universe. Later on, it will be confirmed that many cosmos are seated like us.
क्या प्राचीन ऋषियों को समानांतर ब्रह्माण्ड का ज्ञान था :-
योगवशिष्ट में एक घटना का वर्णन आता है जो अनेकों ब्रह्माण्डो के अस्तित्व पर प्रकाश डालती है।
किसी समय आर्यावर्त क्षेत्र में पद्य नाम का राजा राज्य करता था जिसकी एक पतिव्रता पत्नी लीला थी जो पद्य से बहुत प्यार करती थी। लीला जब भी अपने पति की मृत्यु के बारे में सोचती तो शोकाकुल हो उठती । अंत में लीला ने मां सरस्वती की उपासना की और वरदान प्राप्त किया कि यदि उसके पति की मृत्यु उससे पहले हो जाए तो उनकी अन्तर्चेतना महल में ही रहे , मां सरस्वती ने यह भी आशीर्वाद दिया कि जब तुम चाहो अपने पति से मिल भी सकोगी।
दुर्भाग्य से कुछ समय पश्चात पद्य का देहांत हो गया , लीला ने उनका शरीर महल में ही सुरक्षित रखा और मां सरस्वती का ध्यान किया। मां सरस्वती ने प्रकट होकर कहा – हे ! भद्र शोक करो तुम्हारे पति इस समय यही है परन्तु वे दूसरे सृष्टि में हैं उनसे मिलने के लिए तुम्हें उसी सृष्टि वाले शरीर में जाना होगा।
लीला ने अपना मन एकाग्र किया और उस सृष्टि में प्रवेश किया। लीला ने कुछ क्षण ठहरकर जो दृश्य देखा , उसे देखकर वह बड़ी आश्चर्य चकित हुई क्योंकि उस सृष्टि में महाराज पद्य अभी मात्र 16 वर्ष के नवयुवक थे और एक विस्तृत क्षेत्र में राज्य कर रहे हैं।
उस समय भगवती सरस्वती भी उनके साथ थी , उन्होंने समझाया पुत्री जिस प्रकार केले के तने के अंदर एक के बाद एक परते निकलती जाती हैं वैसे ही सृष्टियों का क्रम है। अपने कथन कि पुष्टि के लिए भगवती सरस्वती लीला को एक और सूक्ष्म सृष्टि में ले गई , जिसमें उनके पति एक ब्राह्मण थे और वो उनकी पत्नी , वहां भी उनके पति की मृत्यु हो चुकी थी और वो कुटिया में रखे शव पर विलाप कर रहीं थी और लीला को उस सृष्टि की सारी स्मृतियां भी याद आ गई कि उस सृष्टि में उनका नाम अरुंधती था। उसी समय एक राजा की सवारी निकली और उन्हें राजसी भोग भोगने की इच्छा हुई , उसी सांसारिक इच्छा के फलस्वरूप उसने लीला का शरीर प्राप्त किया और राजा पद्य को प्राप्त हुई। इसी समय भगवती सरस्वती की प्रेरणा से राजा पद्य ( वहां की सृष्टि के अनुसार) को अंत समय में फिर से पद्य के रूप में राज भोगने की इच्छा जाग उठी , लीला को उसी समय पूर्ववर्ती भोग की इच्छा से प्रेरित किया जिसके फस्वरूप वह भी अपने व्यक्ति शरीर में वापस आ गई और पद्य भी अपने शव में प्रविष्ट हो जी उठे और फिर कुछ सालो राज भोग भोग कर अंत में पुन: मृत्यु को प्राप्त हुए। इससे स्पष्ट होता है कि हमारे ऋषि समानांतर ब्रह्माण्ड के बारे में जानकारी रखते थे।
Did the ancient sages have knowledge of the parallel universe: -
Yogavashishta describes a phenomenon which throws light on the existence of many brahmands.
Once upon a time, a king named Padya ruled in the Aryavarta region, who had a devoted wife Leela who loved the poetry very much. Leela would be shocked whenever she thought about her husband's death. In the end, Leela worshiped Mother Saraswati and received a boon that if her husband died before that, her conscience remained in the palace, Mother Saraswati also blessed that you would be able to meet your husband whenever you want.
Unfortunately after some time the verse passed away, Leela kept her body safe in the palace and meditated on Mother Saraswati. Mother Saraswati appeared and said - Hey! Mourn the gentleman, this is your husband at this time, but they are in another world, to meet them you have to go to the body of the same creation.
Leela concentrated her mind and entered that creation. Leela stunned for a few moments and was surprised to see the scene because Maharaj Padya was just 16 years old in that creation and is ruling over a wide area.
At that time, Bhagwati Saraswati was also with him, he explained that the way the daughter goes through the banana stem one after the other is like the sequence of creation. To corroborate her statement, Bhagwati Saraswati took Leela to another subtle creation, in which her husband was a Brahmin and that his wife, her husband had died there too, mourning the corpse kept in the hut and Leela also remembered all the memories of that creation that her name was Arundhati in that creation. At the same time a king's ride came out and he wished to enjoy the royal enjoyment, as a result of that worldly desire he obtained the body of Leela and received the king's verse. At the same time, with the inspiration of Bhagwati Saraswati, the desire to enjoy Raja Padya (according to the creation there) as the verse again arose in the end, inspired Leela at the same time with the desire of the erstwhile indulgence which also resulted in her own person The body returned and the verse also entered his body and resurrected it and then after some years of royal enjoyment, finally died again. It is clear that our sages were aware of the parallel universe.
निष्कर्ष :-
तो क्या आज के आधुनिक विज्ञान में उठ रही अनेकों ब्रह्माण्डो की अभिधारणा सही है? क्या समानांतर ब्रह्माण्ड का कोई अस्तित्व वास्तव में हो सकता है जिसमें हमारे प्रतिरूप भी मौजूद हों। इस प्रश्न का जवाब तो भविष्य में विज्ञान की उन्नति के साथ ही मिलेगा।
Conclusions: -
So is the assumption of many cosmos arising in today's modern science correct? Can there really be any existence of a parallel universe in which our models also exist. The answer to this question will be found only with the advancement of science.
Thank You.
Hello friends, today we will study about the Parallel Universe.
Image source- Google Image by- theindianwire.com |
समानांतर ब्रह्माण्ड :-
कई बार यह माना गया है कि हम जिस ब्रह्माण्ड में रहते हैं, ठीक वैसा ही एक और ब्रह्माण्ड मौजूद है जहाँ आपकी और हमारी मौजूदगी विद्यमान हो सकती है जैसे कि यहाँ है।
ज्यादातर वैज्ञानिक समानांतर ब्रह्माण्ड के बात को नकारते हैं। लेकिन कई हैं जो इस सिद्धांत को मानते हैं एवं इसपर शोध कर रहे हैं।
अंतरिक्ष इतना बड़ा है कि यहाँ कई पृथ्वी जैसे ग्रह मिले हैं। कई खगोल वैज्ञानिक इस बात पर शोध कर रहे हैं कि इन ग्रहों पर जीवन है या नहीं या फिर जीवन होने की कितनी सम्भावना है।
ऐसा अनुमान लगाया गया है कि अंतरिक्ष में अनगिनत ब्रह्माण्ड हैं जहाँ अनगिनत तारे, सौर मंडल, ग्रह आदि मौजूद हैं।
उसी के हिसाब से यह अनुमान लगाया गया कि जैसे पृथ्वी पर हालात हैं और घटनाएं घटित होती हैं, उसी प्रकार समानांतर ब्रह्माण्ड में किसी अन्य ग्रह पर इसी प्रकार की घटना हो रही होगी।
Parallel Universe: -
Many times it has been assumed that the universe in which we live, there exists another universe where you and our presence can exist as it is here.
Most scientists reject the talk of a parallel universe. But there are many who follow this theory and are researching it.
Space is so big that many Earth-like planets have been found here. Many astronomers are researching whether there is life on these planets or whether there is a possibility of life.
It has been estimated that there are countless universe in space where there are countless stars, solar system, planets etc.
Accordingly, it has been speculated that just as there are conditions on Earth and events happen, a similar event would be happening on another planet in the parallel universe.
समानांतर ब्रह्माण्ड का सिद्धांत (Concept of Parallel Universe) :-
हम सब यह बात जानते हैं कि 13.7 बिलियन साल पहले ब्रह्माण्ड एक छोटे से बिंदु से शुरू हुआ था। बिग बैंग थ्योरी के अनुसार गुरुत्वाकर्षण दबाव के कारण यह बिंदु बढ़ता गया एवं तीन आयामी भाग में फैलता गया – जिस रूप में आज ब्रह्माण्ड विद्यमान है। फिर तारों, आकाशगंगाओं, ग्रहों आदि का निर्माण हुआ।
इसी के आधार पर यह प्रश्न उठता है कि क्या हम लोग अंतरिक्ष में अकेले हैं? हमारे पास आज कि जो तकनिकी है, उसके आधार पर यह सब खोज कर पाना बहुत मुश्किल है। कई खगोल वैज्ञानिक आज भी इस शोध में लगे हुए हैं कि किस प्रकार परजीवी ग्रह के प्राणियों से संपर्क साधा जाये।
वैज्ञानिक ऐसा मानते हैं कि प्रकाश की तीव्र गति होने के कारण हम एक सीमा के अनुसार ही चीजें देख पाते हैं, अतः ज्यादातर चीजें हमारे दृश्य से परे है।
Concept of Parallel Universe: -
We all know that the universe started from a small point 13.7 billion years ago. According to the Big Bang Theory, this point increased due to gravitational pressure and spread in three-dimensional part - the form in which the universe exists today. Then stars, galaxies, planets etc. were formed.
Based on this, the question arises whether we are alone in space? Based on the technology that we have today, it is very difficult to find it all. Many astrophysicists are still engaged in research on how to interact with the creatures of the parasitic planet.
Scientists believe that due to the rapid speed of light, we are able to see things according to a limit, so most things are beyond our view.
समानांतर ब्रह्माण्ड का इतिहास (History of parallel universe) :-
जब 13.7 अरब साल पहले बिग बैंग घटना हुई थी, ठीक उसी समय से प्रकाश का प्रवाहन शुरू हुआ, अतः 13.7 अरब प्रकाश वर्ष के बाद क्या है – इसके बारे में कोई नहीं जानता। अंतरिक्ष के जिस भाग के बारे में कोई जानकारी नहीं है उसको Hubble Volume कहा गया है और इस भाग पर शोध चालू है।
ऐसा माना जाता है कि सारे ब्रह्माण्ड एक दूसरे से जुड़े हुए हैं तो कुछ टूट कर नए ब्रह्माण्ड बन गए या फिर कभी दो ब्रह्माण्ड के टकराव से एक नया ब्रह्माण्ड बन गया। इसी आधार पर हो सकता है कि कहीं दूसरे ब्रह्माण्ड में किसी दूसरे ग्रह पर पृथ्वी के समान घटना घट रही हो।
दिवंगत भौतिक वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने सामानांतर ब्रह्माण्ड के बात को स्वीकारा था। मृत्यु से पहले जो उनका रिसर्च पेपर प्रकाशित हुआ था, वह इसी विषय पर था।
इसके बारे में उन्होंने कहा था कि हम इस अंतरिक्ष में इस अनोखे ब्रह्माण्ड के अंतर्गत अकेले नहीं हैं। आगे चलकर इस बात की पुष्टि हो जायगी कि हमारे सामान कई ब्रह्माण्ड विराजमान है।
History of parallel universe: -
When the Big Bang incident occurred 13.7 billion years ago, light began to flow from the same time, so no one knows about what it is after 13.7 billion light years. The part of the space that has no information about it is called Hubble Volume and research on this part is ongoing.
It is believed that all the cosmos are connected to each other, then some broke down to become new cosmos, or else a collision of two universe created a new universe. It may be on this basis that an event similar to the Earth is happening on another planet in another universe.
The late physicist Stephen Hawking accepted the idea of a parallel universe. His research paper which was published before his death, was on this subject.
He said about it that we are not alone in this space under this unique universe. Later on, it will be confirmed that many cosmos are seated like us.
क्या प्राचीन ऋषियों को समानांतर ब्रह्माण्ड का ज्ञान था :-
योगवशिष्ट में एक घटना का वर्णन आता है जो अनेकों ब्रह्माण्डो के अस्तित्व पर प्रकाश डालती है।
किसी समय आर्यावर्त क्षेत्र में पद्य नाम का राजा राज्य करता था जिसकी एक पतिव्रता पत्नी लीला थी जो पद्य से बहुत प्यार करती थी। लीला जब भी अपने पति की मृत्यु के बारे में सोचती तो शोकाकुल हो उठती । अंत में लीला ने मां सरस्वती की उपासना की और वरदान प्राप्त किया कि यदि उसके पति की मृत्यु उससे पहले हो जाए तो उनकी अन्तर्चेतना महल में ही रहे , मां सरस्वती ने यह भी आशीर्वाद दिया कि जब तुम चाहो अपने पति से मिल भी सकोगी।
दुर्भाग्य से कुछ समय पश्चात पद्य का देहांत हो गया , लीला ने उनका शरीर महल में ही सुरक्षित रखा और मां सरस्वती का ध्यान किया। मां सरस्वती ने प्रकट होकर कहा – हे ! भद्र शोक करो तुम्हारे पति इस समय यही है परन्तु वे दूसरे सृष्टि में हैं उनसे मिलने के लिए तुम्हें उसी सृष्टि वाले शरीर में जाना होगा।
लीला ने अपना मन एकाग्र किया और उस सृष्टि में प्रवेश किया। लीला ने कुछ क्षण ठहरकर जो दृश्य देखा , उसे देखकर वह बड़ी आश्चर्य चकित हुई क्योंकि उस सृष्टि में महाराज पद्य अभी मात्र 16 वर्ष के नवयुवक थे और एक विस्तृत क्षेत्र में राज्य कर रहे हैं।
उस समय भगवती सरस्वती भी उनके साथ थी , उन्होंने समझाया पुत्री जिस प्रकार केले के तने के अंदर एक के बाद एक परते निकलती जाती हैं वैसे ही सृष्टियों का क्रम है। अपने कथन कि पुष्टि के लिए भगवती सरस्वती लीला को एक और सूक्ष्म सृष्टि में ले गई , जिसमें उनके पति एक ब्राह्मण थे और वो उनकी पत्नी , वहां भी उनके पति की मृत्यु हो चुकी थी और वो कुटिया में रखे शव पर विलाप कर रहीं थी और लीला को उस सृष्टि की सारी स्मृतियां भी याद आ गई कि उस सृष्टि में उनका नाम अरुंधती था। उसी समय एक राजा की सवारी निकली और उन्हें राजसी भोग भोगने की इच्छा हुई , उसी सांसारिक इच्छा के फलस्वरूप उसने लीला का शरीर प्राप्त किया और राजा पद्य को प्राप्त हुई। इसी समय भगवती सरस्वती की प्रेरणा से राजा पद्य ( वहां की सृष्टि के अनुसार) को अंत समय में फिर से पद्य के रूप में राज भोगने की इच्छा जाग उठी , लीला को उसी समय पूर्ववर्ती भोग की इच्छा से प्रेरित किया जिसके फस्वरूप वह भी अपने व्यक्ति शरीर में वापस आ गई और पद्य भी अपने शव में प्रविष्ट हो जी उठे और फिर कुछ सालो राज भोग भोग कर अंत में पुन: मृत्यु को प्राप्त हुए। इससे स्पष्ट होता है कि हमारे ऋषि समानांतर ब्रह्माण्ड के बारे में जानकारी रखते थे।
Did the ancient sages have knowledge of the parallel universe: -
Yogavashishta describes a phenomenon which throws light on the existence of many brahmands.
Once upon a time, a king named Padya ruled in the Aryavarta region, who had a devoted wife Leela who loved the poetry very much. Leela would be shocked whenever she thought about her husband's death. In the end, Leela worshiped Mother Saraswati and received a boon that if her husband died before that, her conscience remained in the palace, Mother Saraswati also blessed that you would be able to meet your husband whenever you want.
Unfortunately after some time the verse passed away, Leela kept her body safe in the palace and meditated on Mother Saraswati. Mother Saraswati appeared and said - Hey! Mourn the gentleman, this is your husband at this time, but they are in another world, to meet them you have to go to the body of the same creation.
Leela concentrated her mind and entered that creation. Leela stunned for a few moments and was surprised to see the scene because Maharaj Padya was just 16 years old in that creation and is ruling over a wide area.
At that time, Bhagwati Saraswati was also with him, he explained that the way the daughter goes through the banana stem one after the other is like the sequence of creation. To corroborate her statement, Bhagwati Saraswati took Leela to another subtle creation, in which her husband was a Brahmin and that his wife, her husband had died there too, mourning the corpse kept in the hut and Leela also remembered all the memories of that creation that her name was Arundhati in that creation. At the same time a king's ride came out and he wished to enjoy the royal enjoyment, as a result of that worldly desire he obtained the body of Leela and received the king's verse. At the same time, with the inspiration of Bhagwati Saraswati, the desire to enjoy Raja Padya (according to the creation there) as the verse again arose in the end, inspired Leela at the same time with the desire of the erstwhile indulgence which also resulted in her own person The body returned and the verse also entered his body and resurrected it and then after some years of royal enjoyment, finally died again. It is clear that our sages were aware of the parallel universe.
निष्कर्ष :-
तो क्या आज के आधुनिक विज्ञान में उठ रही अनेकों ब्रह्माण्डो की अभिधारणा सही है? क्या समानांतर ब्रह्माण्ड का कोई अस्तित्व वास्तव में हो सकता है जिसमें हमारे प्रतिरूप भी मौजूद हों। इस प्रश्न का जवाब तो भविष्य में विज्ञान की उन्नति के साथ ही मिलेगा।
Conclusions: -
So is the assumption of many cosmos arising in today's modern science correct? Can there really be any existence of a parallel universe in which our models also exist. The answer to this question will be found only with the advancement of science.
Thank You.
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