Skip to main content

Buddha Purnima(बुद्ध पूर्णिमा).

आप सभी लोगों को बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं।
Wish you all a very Happy Buddha Purnima.
Buddha Purnima
Image source- Google Image by- getupdatedaily.com

वेसक(वैशाख) एक उत्सव है जो विश्व भर के बौद्धों एवं अधिकांश हिन्दुओं द्वारा मनाया जाता है। यह उत्सव बुद्धपूर्णिमा को मनाया जाता है जिस दिन गौतम बुद्ध का जन्म और निर्वाण हुआ था तथा इसी दिन उन्हें बोधि की प्राप्ति हुई थी। विभिन्न देशों के पंचांग के अनुसार बुद्धपूर्णिमा अलग-अलग दिन पड़ता है।
विभिन्न देशों में इस पर्व के अलग-अलग नाम हैं। उदाहरण के लिए, हांग कांग में इसे बुद्ध जन्मदिवस कहा जाता है, इंडोनेशिया में 'वैसक' दिन कहते हैं, सिंगापुर में 'वेसक दिवस' और थाईलैण्ड में 'वैशाख बुच्छ दिन' कहते हैं।

Vesak (Vaishakh) is a festival celebrated by Buddhists and most Hindus around the world.  This festival is celebrated on Buddha Purnima on the day Gautama Buddha was born and nirvana and on this day he attained Bodhi.  According to the almanac of different countries, Buddha Purnima falls on different days.
 This festival has different names in different countries.  For example, in Hong Kong it is called Buddha's Birthday, in Indonesia it is called 'Vesak' Day, in Singapore it is 'Vesak Day' and in Thailand it is 'Vaisakh Bunch Day'.

                                            Thank You.

Comments

Popular posts from this blog

Ocean Currents.

हैलो दोस्तों, आज हम लोग महासागरीय धाराओं के बारे में अध्ययन करेंगे। Hello friends, today we will study about ocean currents . महासागरीय धाराएं :- महासागर के जल के सतत एवं निर्देष्ट दिशा वाले प्रवाह को महासागरीय धारा कहते हैं। एक निश्चित दिशा में बहुत अधिक दूरी तक महासागरीय जल की एक राशि के प्रवाह को महासागरीय जलधारा (Ocean Current) कहते हैं. इन्हें समुद्री धाराएँ भी कहते हैं। वस्तुतः महासागरीय धाराएं, महासागरों के अन्दर बहने वाली उष्ण या शीतल नदियाँ हैं। प्रायः ये भ्रांति होती है कि महासागरों में जल स्थिर रहता है, किन्तु वास्तव मे ऐसा नही होता है। महासागर का जल निरंतर एक नियमित गति से बहता रहता है और इन धाराओं के विभिन्न रूप देखने को मिलते हैं। प्राकृतिक धारा में प्रमुख अपवहन धारा एवं स्ट्रीम करंट होती हैं। एक स्ट्रीम करंट की कुछ सीमाएं होती हैं, जबकि अपवहन धारा के बहाव की कोई विशिष्ट सीमा नहीं होती। पृथ्वी पर रेगिस्तानों का निर्माण जलवायु के परिवर्तन के कारण होता है। उच्च दाब के क्षेत्र एवं ठंडी महासागरीय जल धाराएं ही वे प्राकृतिक घटनाएं हैं, जिनकी क्रियाओं के फलस्वरूप सैकड़ों

Air masses and Fronts.

हैलो दोस्तों, आज हम लोग वायु राशियां और वाताग्र के बारे में अध्ययन करेंगे। Hello friends, today we will study about Air masses and Fronts. वायु राशियां (Air masses) :- Image source- Google Image by- nationalgeographic.org वायुराशियाँ वायुमंडल का वह भाग हैं, जिसमें  तापमान तथा आद्रता  के भौतिक लक्षण क्षैतिज दिशा में एक समान होते हैं। ये वायु राशियां जिस मार्ग पर चलती हैं, उसकी तापमान और आद्रता सम्बन्धी दशाओं को परिमार्जित (Modify) करती हैं,  तथा स्वयं भी उनसे प्रभावित होती हैं। विश्व के विभिन्न भागों के मौसम में परिवर्तन विभिन्न वायुराशियों की क्रिया प्रतिक्रिया के कारण होती हैं। एक वायुराशि का  अनुप्रस्थ विस्तार कई हजार किमी  और ऊपर की ओर  क्षोभ मंडल  तक होता हैं। Air masses :- Air masses are the part of the atmosphere in which the physical characteristics of temperature and humidity are uniform in the horizontal direction.  These air quantities modulate the temperature and humidity conditions of the path on which they travel, and are themselves affected by them.

Tide and Ebb.

ज्वार-भाटा:- सूर्य और चन्द्रमा की  आकर्षण शक्तियों  के कारण सागरीय जल के  ऊपर उठने तथा नीचे गिरने  को  ज्वार -भाटा  कहा जाता हैं। इससे उत्पन्न तरंगो को  ज्वारीय तरंगे  कहा जाता हैं। Tide-Ebb:- The rising and falling of ocean water due to the attractiveness of the sun and the moon is called tides.  The waves resulting from this are called tidal waves. सागरीय जल  के  ऊपर उठकर तट की ओर बढ़ने  को  ज्वार (Tide)  तथा इस समय जल के उच्चतम तल को  उच्च ज्वार (High Tide)  कहते हैं। सागरीय जल के  तट से टकराकर वापस लौटने  को  भाटा (Ebb)  कहते हैं, तथा उससे निर्मित निम्न जल को  निम्न ज्वार (Low Tide)  कहते हैं। ज्वार -भाटा   सूर्य व चन्द्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल  तथा  पृथ्वी का अपकेंद्रीय बल  के कारण आता हैं। गुरुत्वाकर्षण व अपकेंद्रीय बलों  के प्रभाव के कारण प्रत्येक स्थान पर  12 घंटे  में ज्वार आना चाहिए लेकिन यह  चन्द्रमा के सापेक्ष पृथ्वी के गतिशील  होने के कारण प्रतिदिन लगभग  26 मिनट  की देरी से आता हैं।  The rise of ocean water and moving towards the coast is called Tide and at