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Showing posts from August, 2020

Independence Day (15 August).

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आशा है कि देश में शांति एवं समृद्धि आयेंगी..तथा हमारे समाज और राज्य में लोकतांत्रिक मूल्यों, लैंगिक न्याय, सामाजिक न्याय, सांप्रदायिक सौहार्द्र आदि मज़बूत होगे...जय हिंद !! सन् 1947 में इसी दिन भारत के निवासियों ने ब्रिटिश शासन से स्‍वतंत्रता प्राप्त की थी। ... यह भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है। प्रतिवर्ष इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को सम्बोधित करते हैं। इस दिन का ऐतिहासिक महत्व है। इस दिन की याद आते ही उन शहीदों के प्रति श्रद्धा से मस्तक अपने आप ही झुक जाता है जिन्होंने स्वतंत्रता के यज्ञ में अपने प्राणों की आहु‍ति दी। इसलिए हमारा पुनीत कर्तव्य है कि हम हमारे स्वतंत्रता की रक्षा करें। देश का नाम विश्व में रोशन हो, ऐसा कार्य करें। देश की प्रगति के साधक बनें न‍ कि बाधक। घूस, जमाखोरी, कालाबाजारी को देश से समाप्त करें। भारत के नागरिक होने के नाते स्वतंत्रता का न तो स्वयं दुरुपयोग करें और न दूसरों को करने दें। एकता की भावना से रहें और अलगाव, आंतरिक कलह से बचें। हमारे लिए स्वतंत्रता दिवस का बड़ा महत्व है। हमें अच्‍छे क

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Ocean Currents.

हैलो दोस्तों, आज हम लोग महासागरीय धाराओं के बारे में अध्ययन करेंगे। Hello friends, today we will study about ocean currents . महासागरीय धाराएं :- महासागर के जल के सतत एवं निर्देष्ट दिशा वाले प्रवाह को महासागरीय धारा कहते हैं। एक निश्चित दिशा में बहुत अधिक दूरी तक महासागरीय जल की एक राशि के प्रवाह को महासागरीय जलधारा (Ocean Current) कहते हैं. इन्हें समुद्री धाराएँ भी कहते हैं। वस्तुतः महासागरीय धाराएं, महासागरों के अन्दर बहने वाली उष्ण या शीतल नदियाँ हैं। प्रायः ये भ्रांति होती है कि महासागरों में जल स्थिर रहता है, किन्तु वास्तव मे ऐसा नही होता है। महासागर का जल निरंतर एक नियमित गति से बहता रहता है और इन धाराओं के विभिन्न रूप देखने को मिलते हैं। प्राकृतिक धारा में प्रमुख अपवहन धारा एवं स्ट्रीम करंट होती हैं। एक स्ट्रीम करंट की कुछ सीमाएं होती हैं, जबकि अपवहन धारा के बहाव की कोई विशिष्ट सीमा नहीं होती। पृथ्वी पर रेगिस्तानों का निर्माण जलवायु के परिवर्तन के कारण होता है। उच्च दाब के क्षेत्र एवं ठंडी महासागरीय जल धाराएं ही वे प्राकृतिक घटनाएं हैं, जिनकी क्रियाओं के फलस्वरूप सैकड़ों

Air masses and Fronts.

हैलो दोस्तों, आज हम लोग वायु राशियां और वाताग्र के बारे में अध्ययन करेंगे। Hello friends, today we will study about Air masses and Fronts. वायु राशियां (Air masses) :- Image source- Google Image by- nationalgeographic.org वायुराशियाँ वायुमंडल का वह भाग हैं, जिसमें  तापमान तथा आद्रता  के भौतिक लक्षण क्षैतिज दिशा में एक समान होते हैं। ये वायु राशियां जिस मार्ग पर चलती हैं, उसकी तापमान और आद्रता सम्बन्धी दशाओं को परिमार्जित (Modify) करती हैं,  तथा स्वयं भी उनसे प्रभावित होती हैं। विश्व के विभिन्न भागों के मौसम में परिवर्तन विभिन्न वायुराशियों की क्रिया प्रतिक्रिया के कारण होती हैं। एक वायुराशि का  अनुप्रस्थ विस्तार कई हजार किमी  और ऊपर की ओर  क्षोभ मंडल  तक होता हैं। Air masses :- Air masses are the part of the atmosphere in which the physical characteristics of temperature and humidity are uniform in the horizontal direction.  These air quantities modulate the temperature and humidity conditions of the path on which they travel, and are themselves affected by them.

Tide and Ebb.

ज्वार-भाटा:- सूर्य और चन्द्रमा की  आकर्षण शक्तियों  के कारण सागरीय जल के  ऊपर उठने तथा नीचे गिरने  को  ज्वार -भाटा  कहा जाता हैं। इससे उत्पन्न तरंगो को  ज्वारीय तरंगे  कहा जाता हैं। Tide-Ebb:- The rising and falling of ocean water due to the attractiveness of the sun and the moon is called tides.  The waves resulting from this are called tidal waves. सागरीय जल  के  ऊपर उठकर तट की ओर बढ़ने  को  ज्वार (Tide)  तथा इस समय जल के उच्चतम तल को  उच्च ज्वार (High Tide)  कहते हैं। सागरीय जल के  तट से टकराकर वापस लौटने  को  भाटा (Ebb)  कहते हैं, तथा उससे निर्मित निम्न जल को  निम्न ज्वार (Low Tide)  कहते हैं। ज्वार -भाटा   सूर्य व चन्द्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल  तथा  पृथ्वी का अपकेंद्रीय बल  के कारण आता हैं। गुरुत्वाकर्षण व अपकेंद्रीय बलों  के प्रभाव के कारण प्रत्येक स्थान पर  12 घंटे  में ज्वार आना चाहिए लेकिन यह  चन्द्रमा के सापेक्ष पृथ्वी के गतिशील  होने के कारण प्रतिदिन लगभग  26 मिनट  की देरी से आता हैं।  The rise of ocean water and moving towards the coast is called Tide and at